दिल्ली: जल्द ही, दिल्ली और गुरुग्राम के बीच आवागमन करने वालों को एनएच-48 और एमजी रोड पर रोजाना लगने वाले जाम से छुटकारा मिल सकता है. अधिकारियों के अनुसार, ग्यारह मूर्ति या तालकटोरा स्टेडियम से शुरू होने वाले एक नए लिंक पर विचार-विमर्श चल रहा है. वर्तमान में, सामान्य मार्गों से राजधानी से गुरुग्राम या गुरुग्राम से दिल्ली जाने में यात्रियों को एक घंटे से ज्यादा समय लगता है. अधिकारियों ने बताया कि इस प्रस्तावित लिंक से यात्री 30 किलोमीटर का सफर तेजी से तय कर पाएंगे क्योंकि यात्रा का समय घटकर 25-30 मिनट रह जाएगा.

खबर के मुताबिक, यह परियोजना दिल्ली विशेषकर लुटियंस क्षेत्र और मध्य दिल्ली में भीड़भाड़ कम करने के दो प्रस्तावों का हिस्सा है. अधिकारियों ने बताया कि दूसरा प्रस्ताव, जो चर्चा के अंतर्गत एक प्रमुख परियोजना है, एक एलिवेटेड कॉरिडोर या सुरंग है. ये दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के समापन बिंदु को एम्स से महिपालपुर बाईपास तक प्रस्तावित एलिवेटेड कॉरिडोर से जोड़ेगा.

जून में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की अध्यक्षता में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में इन दोनों प्रस्तावों पर विचार किया गया था. इसमें भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) को इन दोनों क्षेत्रों में भीड़भाड़ की समस्या से व्यापक रूप से निपटने के लिए एक योजना बनाने का निर्देश दिया गया था.

20 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड कॉरिडोर

केंद्र सरकार ने पहले एम्स से महिपालपुर बाईपास तक 20 किलोमीटर लंबे एलिवेटेड कॉरिडोर का प्रस्ताव रखा था, जो आगे गुड़गांव-फरीदाबाद रोड तक फैला होगा. ये भी महरौली-गुड़गांव और रिंग रोड पर भीड़भाड़ कम करने के लिए एनएच-48 के समानांतर मार्ग के रूप में काम करेगा. बैठक में उपस्थित अधिकारियों ने कहा- वर्तमान योजना में एम्स से महिपालपुर तक एक एलिवेटेड कॉरिडोर शामिल है. मंत्री ने चिंता व्यक्त की कि अकेले इससे नई दिल्ली नगर पालिका परिषद क्षेत्र और मध्य दिल्ली में यातायात की भीड़भाड़ पूरी तरह से हल नहीं होगी.

वर्तमान में, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे और दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे रिंग रोड पर सराय काले खां के पास समाप्त होते हैं. जल्द ही, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का डीएनडी-सोहना (जेवर) लिंक भी खुलने वाला है. इन तीन प्रमुख एक्सप्रेसवे के इस क्षेत्र में मिलने से यातायात की मात्रा में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है. परिणामस्वरूप, लुटियंस दिल्ली और मध्य दिल्ली में अतिरिक्त यातायात बढ़ने की संभावना है.

पांच किलोमीटर लंबी सुरंग

इस मुद्दे के समाधान के लिए, गडकरी ने एनएचएआई को दोनों परियोजनाओं (दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे से एम्स-महिपालपुर कॉरिडोर और ग्यारह मूर्ति या तालकटोरा से गुड़गांव) की व्यवहार्यता का पता लगाने का निर्देश दिया. बैठक के विवरण में कहा गया- मंत्री ने निर्देश दिया है कि इन कॉरिडोर को एम्स से महिपालपुर बाईपास तक एलिवेटेड कॉरिडोर की बोलियों में शामिल किया जाए. यह एम्स से शुरू होकर रिंग रोड के ज़रिए वसंत कुंज स्थित नेल्सन मंडेला मार्ग से जुड़ेगा. नेल्सन मंडेला मार्ग पर, केंद्र सरकार 5 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाने की योजना बना रही है, जो आईजीआई हवाई अड्डे और द्वारका एक्सप्रेसवे को जोड़ेगी.

एनएचएआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया- इस कॉरिडोर को एक सुरंग के ज़रिए जोड़ा जाएगा और गुड़गांव व फरीदाबाद रोड की ओर एक और कॉरिडोर बनाया जाएगा. अधिकारी ने बताया- एम्स से नेल्सन मंडेला मार्ग तक का एलिवेटेड कॉरिडोर, जो आगे महरौली-गुड़गांव रोड और गुड़गांव-फरीदाबाद रोड से जुड़ेगा, दिल्ली और गुड़गांव के बीच एक समानांतर कॉरिडोर के रूप में काम करेगा. उन्होंने बताया कि विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने के लिए बोलियां आमंत्रित की गई हैं.

शहरी भीड़-भाड़ कम करने की नीति पर काम

अधिकारियों ने बताया कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भी राज्य की सड़कों के पुनर्विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक शहरी भीड़-भाड़ कम करने की नीति तैयार करने की प्रक्रिया में है. अधिकारियों के अनुसार- इस नीति के तहत भीड़-भाड़ कम करने, अंतर-शहरी संपर्क में सुधार लाने, विशेष रूप से शहर की सीमाओं पर और यात्रा समय को कम करने के उद्देश्य से प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए केंद्रीय वित्त पोषण प्रदान किया जाएगा.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बैठक में नीति पर भी चर्चा हुई. बैठक में कहा गया- इन नीतियों को अंतिम रूप दिए जाने के बाद प्रस्ताव की जांच की जाएगी. बैठक में कई अन्य प्रमुख मुद्दों पर भी चर्चा हुई, जिनमें एमसीडी टोल प्लाजा के कारण दिल्ली की सीमा पर प्रवेश बिंदुओं पर यातायात की समस्याएं और दिल्ली-एनसीआर में भीड़भाड़ कम करने के उद्देश्य से चल रही और भविष्य की परियोजनाओं की स्थिति शामिल है.

23,850 करोड़ रुपये की परियोजनाएं

अधिकारियों ने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शहर में सड़क अवसंरचना के विकास के लिए केंद्रीय सड़क अवसंरचना निधि (सीआरआईएफ) से 1,500 करोड़ रुपये की मांग की. अधिकारियों ने बताया कि इसके अलावा, 63,000 करोड़ रुपये से ज़्यादा की बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर भी चर्चा हुई, जो पूरी हो चुकी हैं. 34,589 करोड़ रुपये की शेष परियोजनाएं अभी भी जारी हैं और इसी साल पूरी हो जाएंगी. शहर में भीड़भाड़ कम करने के लिए 23,850 करोड़ रुपये की परियोजनाएं प्रस्तावित हैं. इन परियोजनाओं से राजधानी में भीड़भाड़ कम होने, बाहरी क्षेत्रों, नई दिल्ली और एनसीआर के बीच सम्पर्क बढ़ने की उम्मीद है.